अन्नदाता घर लौट जाएं।। आंदोलन का अब कोई मतलब नहीं’, कृषि मंत्री

‘अब घर लौट जाएं किसान, आंदोलन का कोई मतलब नहीं’, कृषि मंत्री की अपील, बोले- दर्ज मामलों पर फैसला राज्य करेंगे
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के आंदोलन जारी रखने के फैसले पर कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है.

‘अब घर लौट जाएं किसान, आंदोलन का कोई मतलब नहीं’, कृषि मंत्री की अपील, बोले- दर्ज मामलों पर फैसला राज्य करेंगे

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में कृषि कानूनों की वापसी के लिए बिल पेश किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लोकसभा में तीन मौजूदा कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पेश करेंगे. कहा जा रहा है कि चर्चा के बाद पहले ही दिन लोकसभा में इस बिल को पास करने की योजना है. वहीं कृषि कानूनों की वापसी से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर को) संसद में पेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फसल विविधीकरण, शून्य-बजट खेती, और MSP सिस्टम को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है. इस कमेटी में किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस समिति के गठन से MSP को लेकर किसानों की मांग पूरी होगी.

सरकार ने मानी किसानों की ये मांग
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठनों ने किसानों द्वारा पराली जलाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने इस मांग को भी स्वीकार कर लिया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के आंदोलन जारी रखने के फैसले पर कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है. मैं किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और घर जाने का आग्रह करता हूं.

दर्ज मामले खत्म करने पर फैसला राज्य करेंगें
इसके अलावा किसानों पर दर्ज मामले खत्म करने की मांग को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि, जहां तक ​​विरोध के दौरान दर्ज मामलों का संबंध है, यह राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है और वे इस पर फैसला लेंगे. राज्य सरकारें अपनी राज्य नीति के अनुसार मुआवजे के मुद्दे पर भी निर्णय लेंगी

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