कीट-व्याधियों के नियंत्रण के किये जायें उपाय

इन्दौर। इंदौर संभाग के किसानों को सामायिक सलाह देते हुए कहा गया है कि वे खेतों पर खरीफ की फसलों की सतत निगरानी रखें। किसानों से कहा गया है कि वे फसलों में कीट-व्याधियों और इल्लियों का प्रकोप दिखाई देते ही उसके नियंत्रण की तुरंत उपाय करें।

जिन खेतों में खरपतवार आ गये हैं, उनकी समाप्ति के लिये डोरा-कुल्पा चलायें। आवश्यक होने पर हाथों से निंदाई भी करें। खरपतवार को समाप्त करने के लिये अनुशंसित रूप से रासायनिक खरपतवार नाशक औषधियों का उपयोग भी किया जाये। संयुक्त संचालक कृषि कार्यालय इंदौर से प्राप्त जानकारी के अनुसार संभाग में अभी कुछ रकबा सोयाबीन की बोवनी से छूट रहा है। वहां के किसानों को सलाह दी गई है कि वे बीज दर बढ़ाकर उचित दूरी पर सोयाबीन की बोवनी कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह भी ली जा सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों पर सतत निगरानी रखें। इल्लियों तथा अन्य कीटव्याधियों की स्थिति पता चलने पर तुरंत अनुशंसित औषधियों का छिड़काव करें। फिरोमनट्रेप्स भी लगायें। सोयाबीन को मोजेक वायरस एवं पीला मोजेक वायरस से बचाने के लिये सतत निगरानी की जाये। रोगग्रस्त पौधों को तत्काल उखाड़कर नष्ट कर देवें।

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