देवास और धार जिले में खाद की अवैध बिक्री करने वालों पर छापा, एफआईआर दर्ज
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के आदेश पर कृषि विभाग, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त कार्रवाई. अवैध रूप से ट्रकों के जरिए बेची जा रही थी यूरिया.
खाद की कमी से परेशान हैं किसान.
मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत जारी है. कुछ माफिया किस्म के लोग इसका फायदा उठाकर कालाबाजारी कर रहे हैं. इस बीच कृषि मंत्री कमल पटेल के निर्देश पर कृषि (Agriculture), राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने एक खाद माफिया के यहां छापेमारी की. जहां इफको यूरिया (urea fertilizer) अनाधिकृत तरीके से बेची जा रही थी. मामला देवास का है, जहां कालाबाजारी करने वाले पर एफआईआर दर्ज कर 167 बैग यूरिया जब्त की गई है. कृषि विभाग के मुताबिक आरोपी ट्रक के जरिए यूरिया की बिक्री कर रहे थे.
कृषि विकास अधिकारी रमेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप शंकरगढ एवी रोड के पास देवास में अशोक लीलैंड ट्रक के जरिए अवैध रूप से यूरिया की बिक्री की जा रही थी. एक और ट्रक में 22 बोरी यूरिया पकड़ा गया. चार आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के खंड सात के तहत एवं अन्य धाराओं में केस रजिस्टर्ड किया गया है.
कालाबाजारी पर कसी जा रही है नकेल
कमल पटेल ने बताया कि धार जिले की कुक्षी तहसील के ग्राम टांडा में भी यूरिया खाद के अवैध संग्रहण एवं वितरण के खिलाफ छापा मारा गया. उन्होंने कहा कि खाद वितरण की व्यवस्था का विकेंद्रीकरण करते हुए हम किसानों को खाद और यूरिया दे रहे हैं. किसान को जितनी आवश्यकता है उसी प्रकार से खाद की उपलब्धता सरकार करवा रही है. लेकिन कुछ लोग कालाबाजारी कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर नकेल कसी जा रही है.
कालाबाजारी से परेशान हैं एमपी के किसान
मध्य प्रदेश उन सूबों में शामिल है जहां पर किसान खाद की कालाबाजारी से सबसे अधिक परेशान रहे हैं. यहां 20 अक्टूबर के बाद से ही यहां के कई जिलों में किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. क्योंकि खाद की भारी किल्लत (Fertilizer Shortage) थी. रबी फसलों (Rabi Crop) की अगेती बुवाई का सीजन निकल गया लेकिन किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिला.
प्रदेश में करीब 3400 सहकारी संस्थाओं में खाद की किल्लत थी. खासतौर पर डीएपी की. किसानों (Farmers) को कई बार खाद के लिए हाइवे जाम करना पड़ा. यहां तक कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया के भिंड स्थित ज्ञानपुरा गांव में भी किसानों को खाद नहीं मिला.