देश के लिए पहला एथलेटिक्स गोल्ड जीता

जेवलिन थ्रो के फाइनल में गोल्ड जीतने वाले नीरज इस गेम में अचानक आए थे। उनके चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि नीरज शुरुआत में शारीरिक रूप से ज्यादा फिट नहीं थे, इसलिए जिम जाते थे। जिम के पास ही स्टेडियम था, तो कई बार वे वहां टहलने के लिए चले जाते थे। एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जेवलिन कर रहे थे। नीरज वहां जाकर खड़े हो गए, तभी कोच ने उनसे कहा कि आओ जेवलिन फेंको, देखें आप कहां तक फेंक पाते हो। नीरज ने जेवलिन फेंका, तो वह काफी ज्यादा दूर जाकर गिरा। इसके बाद कोच ने उन्हें रेगुलर ट्रेनिंग में आने के लिए कहा। कुछ दिनों तक नीरज ने पानीपत स्टेडियम में ट्रेनिंग की, फिर पंचकूला में चले गए और वहां ट्रेनिंग करने लगे। चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक में एथलेटिक्स में देश के लिए मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता। यह उनका पहला ही ओलिंपिक है। इससे पहले वे पूल A के क्वालिफिकेशन में 86.65 मीटर थ्रो कर पहले नंबर पर रहे थे। उनका अब तक का बेस्ट थ्रो 88.07 मीटर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.