
हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले विवेक सागर और नीलाकांता शर्मा टोक्यो ओलिंपिक में जोरदार प्रदर्शन कर अकादमी का नाम रोशन कर रहे है। एक दिन पहले विवेक सागर ने अर्जेन्टीना के खिलाफ गोल कर भारतीय टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने में मदद की। वहीं दूसरे दिन नीलाकांता शर्मा ने मेजबान जापान के खिलाफ गोल कर ग्रुप में दूसरा स्थान पक्का किया। यह दोनों खिलाड़ी ओलंपियन अशोक ध्यानचंद के शिष्य रहे हैं। मणिपुर के रहने वाले नीलाकांता शर्मा ने वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश राज्य अकादमी में प्रवेश लिया था। वह 2016 तक बोर्डिंग और 2017 में डे बोर्डिंग में रहे है। नीलाकांता वर्तमान में वेस्टर्न रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन वे आज भी अपने को मध्य प्रदेश का खिलाड़ी बताते हैां उनका कहना है कि मध्य प्रदेश अकादमी ने ही उन्हें यहां तक पहुंचाया है। हाकी का कौशल भोपाल में ही सीखा है, जो आज मेरे काम आ रहा है। नीलाकांता का भोपाल आना भी एक संयोग रहा हैा कोलकाता में एक इवेंट के दौरान उनके तत्कालीन कोच ने ही मप्र अकादमी के कोच लोकेन्द्र सिंह व हबीब को यहां से ले जाने को कहा था। उन्होंने कहा कि नीलाकांता के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, यह अच्छा खिलाड़ी है, इसे उचित प्लेटफार्म मिल जाएगा तो यह देश के लिए खेल सकता है। इसके बाद मध्य प्रदेश अकादमी के ट्रायल में नीलाकांता में भाग लिया और अकादमी का हिस्सा बने। इससे पहले चार माह तक भोपाल के प्रशिक्षाकों ने उसे अपने पास रखा था। लोकेन्द्र ने बताया कि नीलाकांत में छोटे छोटे पास बनाने की बहुत काबिलियत है, इससे व साथी खिलाड़ी से बेहतर तालमेल बना लेता है। भारतीय टीम के साथ कई बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा रहे है।