मध्य प्रदेश का उद्यान विभाग की कई योजना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ी । विभाग दलालो के हवाले

मध्य प्रदेश का उद्यान विभाग कई वर्षों से भ्रष्टाचार के खेल में उलझ कर रह गया है । विभाग में भ्रष्टाचार की नई परतें खुलना अब आम बात हो गई है । मंदसौर का उद्यान विभाग व अन्य जिलों के विभाग जो पहले से ही कई भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर चुका है। पुनः एक बार फिर आरोप लगाया है | किसान एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पाटीदार ने , उद्यान विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि ,प्रदेश का उद्यान विभाग दलालों के माध्यम से चल रहा है । सरकारी बाबू केवल कमीशन खोरी में लगे हुए हैं । प्रदेशभर में यंत्रीकरण योजना घोटालों की भेंट चढ़ चुका है। मंदसौर उद्यान विभाग के विरुद्ध घोटाले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर लोकायुक्त पुलिस तक की परंतु निजी कंपनियों का सरकार में दबदबा इतना हो चुका है कि, उद्यान विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। किसान एकता मंच ने बताया कि विभाग का मुख्यालय कृषि यंत्र सप्लाई करने वाला कंपनी मालिक जिग्नेश पटेल से मिलकर जाली बिन के आधार पर किसानों को मिलने वाला अनुदान राशि का आहरण कर रहा है। बिना जीएसटी का बिल विभाग में लगाकर जीएसटी कर की चोरी भी कर रहा है।मध्य प्रदेश का उद्यान विभाग यंत्रीकरण एवं माइक्रो इरीगेशन योजना में कई कंपनियां को अनुदान का सीधा लाभ दे रही है। जबकि भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार योजना में कंपनी को अनुदान भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है। उद्यान विभाग एवं कंपनियां दोनों मिलकर किसानों का अनुदान हडपकर चांदी काट रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं। परंतु प्रदेश की सरकार किसान हित की बात करने वाली खामोश और चुपचाप खड़ी है। किसान नेता मुकेश पाटीदार ने बताया कि माइक्रो इरीगेशन और यंत्रीकरण पोर्टल पर कोई किसान आसानी से अपना पंजीयन नहीं कह सकता। पंजीयन कराने के लिए विभाग अपने कंपनी के दलालों को प्रेरित करता है और यही कंपनी के दलाल पंजीयन कराकर किसानों को अपने जाल में फसाते है और उन्हें अनुदान के लाभ से वंचित कर देते हैं । किसानों के अनुदान को कंपनी दलाल अपने खाते में ले लेते हैं। उद्यान विभाग ने पूरे सिस्टम को दलालों के हवाले कर रखा है ।किसान एकता मंच का सीधा आरोप है की किसान हित की बात करने वाली सरकार इस पर मौन क्यों है ? किसानों ने जो शिकायत मुख्यमंत्री को की है उस पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। इसपर जिम्मेदार अधिकारीयो से बात की तो वे “नो कमेंट ” करते हुवे निकल रहे है।

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