
करेले को धोकर, टुकड़ों में काटकर, बीज और आंतरिक रेशेदार सामग्री को हटाकर और मिक्सी में मिलाकर उत्पाद तैयार किया जाता है। इसके अलावा आवश्यकता के आधार पर या तो इसे छलनी या बिना छनाई की जाती है और आवश्यक सामग्री जैसे- खीरा; चूना, हरा धनिया, काली मिर्च आदि मिला कर ready to use जूस बनाया गया
यह करेले के फल की तुलना में कम कड़वा होता है और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होता है।
उत्पाद को कमरे के तापमान पर 6 महीने से अधिक समय तक संग्रहीत किया जा सकता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च बेंगलुरू में शुगर से पीड़ित मरीजों के लिए करेले का रस रेडी टो यू बनाया है | इस जूस को बनाने में वैज्ञानिकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और इसे 6 महीने तक रूम टेंपरेचर पर सुरक्षित रखा जाता है |यह करेले का जूस शुगर से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत ही लाभदायक है |इस प्रौद्योगिकी को व्यापारिक रूप देने के लिए संस्था ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर एमओयू जारी करने का निर्णय लिया है |