2022 लगते  ही किसानों की किस्मत पर पड़े ओले , तो  किसानों की आमदनी कैसे होगी  दोगुनी ?

2022 लगते  ही किसानों की किस्मत पर पड़े ओले , तो  किसानों की आमदनी कैसे होगी  दोगुनी ?

मनीष  बाफना

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. हालांकि अब 2022 शुरू हो चूका है . बावजूद इसके सरकार को अभी भी उम्मीद है कि किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।

कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जरूरी सुझाव देने के लिए एक कमेटी का गठन कर चुकी है। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए एक वर्ष का समय और बचा है, लेकिन लक्ष्य अभी दूर है। वर्ष 2016-17 के आम बजट में सरकार ने किसानों की दशा सुधारने के लिए उनकी आमदनी को वर्ष 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। किसानों की आमदनी के लिए वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष मानकर नेशनल सैंपल सर्वे आफ इंडिया के अनुमान को लक्षित किया गया। उसके मुताबिक 2015-16 में मूल्यों के आधार पर किसानों की प्रति वर्ष औसत आमदनी 96,703 रुपये आंकी गई थी। उसे अगले छह वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसके लिए मात्र वर्षभर का समय बचा है। लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि किसानों की आमदनी को लेकर अभी कोई ताजा सर्वेक्षण नहीं कराया गया है।डबलिंग फार्मर्स इनकम’ यानी किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए वर्ष 2016 में ही एक उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था। दो वर्षो बाद उसकी रिपोर्ट आई, जिसमें स्पष्ट कहा गया कि इस लक्ष्य को पाने के लिए कृषि की वार्षिक विकास दर अनवरत 10.4 फीसद रहना जरूरी होगा। लेकिन वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.4 फीसद आंकी गई है।

केंद्र सरकार ने किसानों की आमदनी दुगनी करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया था ,वह अब उनकी आंख की किरकिरी बन गया है !आय दुगनी करने का जब हिसाब सरकार के शीर्ष पर बैठे,  उच्च पद आसनधारियों से पूछा जाता है ,तो  इन किसानों की आय को  छुपाने का प्रयास करते हैं ! केंद्र सरकार अब जीरो बजट की खेती से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है ! जबकि जीरो बजट की खेती अर्थात बिना लागत की खेती , शब्दों में अच्छी लगती है ! परंतु  कृषि से जुड़े बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने इस प्रकार जीरो बजट खेती पर सवाल उठा चुके हैं ? केंद्र सरकार ने  आय बढ़ाने के लिए निजी पूंजी को बढ़ावा देने के लिए  कृषि कानून लाए थे परंतु कुछ मुट्ठी भर किसानों के आंदोलन से , किसानों की  आय बढ़ाने का रास्ता  ,बीच में  छोड़कर  लौट गए  ! खेती में इनपुट के रूप में कृषि कर्ज जहां 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये दिया जाते थे, उसे 2020-21 में बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। कृषि क्षेत्र को मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 30 राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों के 651 केवीके ने 1,416 गांवों को गोद लिया है। इन मॉडल गांवों को “डबलिंग फार्मर्स इनकम विलेज” नाम दिया गया है। क्या कृषि विज्ञानं केंद्र किसानों की आय दोगुनी का हिसाब  दे सकेंगे ?

निश्चित रूप से 2022 तक यदि किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई तो  विपक्ष और किसान नेता अपनी तेज धार धार वक्तव्य से  मोदी सरकार पर प्रहार करेगा  !2022 प्रारंभ हो चुका है! किसानों को उम्मीद है कि  2022 जाते-जाते  उनकी आय दुगनी कर जाएगा  ?पर देखो किस्मत का खेल 2022आया और साथ में भारी ओलावृष्टि लेकर आया ! जिससे किसानों की किस्मत पर ओले पड़े और फसल तबाह हो गई !रूठे हुएगले से किसान 2022 को गले लगाए या  करें क्या ?

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