किसानों को फसल बीमा की रकम मिलने से” घाव पर मरहम” लगा

By-manish bafana

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के खाते में खरीफ 2020 और रबी 2020-21 की 49 लाख दावों में 7618 करोड़ रुपए की राशि का सिंगल क्लिक से अंतरित की।इससे पूर्व भी फसलें खराब होने पर 2876 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले गए थे। किसानों को राज्य सरकार द्वारा अब तक 10 हजार 494 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की गई है।
वर्ष 2020 और 21 मैं किसानों को उनकी फसल पर प्राकृतिक आपदा के कारण बहुत नुकसान हुआ था। कई किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया परंतु राजनीतिक चक्रव्यूह में फसल बीमा दो नावों में फंस गई। पूर्व सरकार ने फसल बीमा की प्रीमियम राशि नहीं दी , के कारण काफी इंतजार के बाद किसानों को फसल बीमा का मुआवजाआखिर में मिल ही गया। जो फसल बीमा राजनीतिक द्वेष के कारण कोपभाजन बनी हुई थी , किसान संघों और राजनीतिक गलियारों में इस फसल बीमा की आलोचना बढ़-चढ़कर की जा रही थी। परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक क्लिक से7618 करोड़ रुपए ५०लाख किसानों में यह राशि सौंप दी । मध्यप्रदेश में इस बात की चर्चा हमेशा बनी रहेगी ,जब खरीफ 2020 में फसल पर प्राकृतिक आपदा आ पड़ी थी , तो राज्य सरकार ने फसल के नुकसान होने के बाद भी फसलों का बीमा कराया । आमतौर पर फसल खराब होने के बाद बीमा नहीं कराया जाता है परंतु शिवराज सरकार ने फसल खराब होने के बाद भी बीमा कराया और पूरे राज्य में बैंकों को रविवार होने के बावजूद निर्देश दिए कि वे रविवार के दिन भी खुले रहेंगे और किसानों कि बर्बाद फसल का बीमा प्रीमियम राशि जमा करेंगे। जिससे किसानों को उनकी ख़राब फसल का बीमा हो सके।फसल बीमा की तारीख को भी बढ़ाया जो की 31 अगस्त किया जो पहले कभी ऐसा नहीं हुवा ,यह पहेली बार होता हुवा दिखा । यह आश्चर्यजनक कदम राज्य सरकार का रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने 7618 करोड़ रुपए जमा करवाते हुए पीड़ित और परेशान अन्नदाता के घाव पर मरहम लगाने का काम किया है। राज्य सरकार ने ऐसे समय पर किसानों को भुगतान किया है, जबकि प्रदेश में अभी कोई चुनाव नहीं है। अन्नदाता को चुनाव का मोहरा ना मानते हुए ,फसल बीमा का मुआवजा दिया गया है,यह बहुत ही प्रशंसनीयबात है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानोंके हमदर्द माने जाते हैंऔर बताया यह भी जाता है कि मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र की उन्नति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बहुत बड़ा हाथ है। अब जब की सरकार ने बीती खरीफ और रबी फसलों में हुए नुकसान की भरपाई मुआवजा देकर कर दी है। तब सरकार से किसानों की यह अपेक्षा बढ़ गई है कि, बीते दिनों ओला वृष्टि में जो नुकसान हुआ है ,अब उसका भी मुआवजा दिया जाए। ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान का मुआवजा भी मुख्यमंत्री ने यह कहकर आश्वासन दिया है कि उसे भी शीघ्र जल्दी से जल्दी किसानों के खाते में दे दिया जाएग। आमतौर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाको कई राजनीतिक पार्टियां , किसान नेता किसान हित में नहीं मान रहे थे। ,इस राशि के किसानों के खाते में जाने से इस योजना के बारे में इन राजनीतिक पार्टियों को अब नए सिरे से इस योजना के लाभ के बारे में सोचना होगा। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में मंच से बोला कि मध्य प्रदेश कि प्रदेश सरकार किसानों के हक की राशि जो अब तक 22 माह में 1 लाख76 हजार करोड़ रुपए दे चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के लिए अब बड़े बड़े फैसले लेने लगे हैं। किसानो को यंत्रो की खरीदी पर अनुदान e रुपे से मिलेंगे जिससे बिचोलियो की दलाली ख़त्म होगी। यह दर्शाता है कि राजनीतिक पार्टियों में किसान की अहमियत अब प्रमुखता के साथ शीर्ष पर है।
4 करोड़ से अधिक किसान PMFBY से जुड़े
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि हमने पिछले पांच वर्षों में 4 करोड़ 43 लाख 61 हजार 570 किसानों का सफलतापूर्वक इस योजना से जोड़ा है. हमने रबी सीजन 2019-20 के लिए 73 लाख 69 हजार 614 किसानों को 16 हजार 750 करोड़ रुपए दिए हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फसल बीमा का कंप्यूटराइजेशन कर रही है. लैंड रिकॉर्ड को इंटीग्रेट करके बीमा निर्धारण की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है. हमारी सरकार औसत उपज का अनुमान लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है.

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