
बेंगलुरु -सिद्धू कटहल का पौधा और फल पूर्व मुख्यमंत्री श्री. बी.एस.येदियुरप्पा, कर्नाटक सरकार को डॉ. बी.एन.एस. मूर्ति. निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं.,हेसरघट्टा द्वारा भेंट किए गए। तांबे के लाल रंग के गुच्छे के साथ सिद्धू कटहल एक बेहतर किस्म है, जिसे किसान भागीदारी अनुसंधान विकासकार्यक्रम के तहत भा.कृ.अनु.प- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु द्वारा तुमकुरु जिले के चेलूर गांव में स्थित श्री.एस.एस.परमेशा के खेत सेपहचाना गया है। इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में इस तरह की किसान किस्मों की पहचान करने और कटहल को बढ़ावा देने के लिएभा.कृ.अनु.प.- भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु की सराहना की। उन्होंने अपने शिकारीपुरा फॉर्म में सिद्धू कटहल उगाने में भी रुचि व्यक्त की।
निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु ने मुख्यमंत्री को सिद्धू जैक की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने यह भीबताया कि श्री. एस.एस. परमेशा, वर्तमान में भा.कृ.अनु.प.- भा.बा.अनु.सं., के सहयोग से सिद्धू कटहल के पौधे तैयार कर दो वर्षों के भीतर 22 लाख रुपये कीसकल आय अर्जित की है और उन्होंने साबित किया है कि किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं और साथ ही जैव विविधता का भी संरक्षण कर सकते हैं।भा.कृ.अनु.प.-भा.बा.अनु.सं., बेंगलुरु के सहयोग से पिछले दो वर्षों के दौरान, कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों में 31,000 किसानों को लगभग एक लाख पौधेवितरित किए गए हैं।