सीएम हेल्पलाइन से नहीं मिल रही है “ हेल्प”

भोपाल -प्रदेश सरकार बढ़-चढ़कर हेल्पलाइन पर कार्रवाई करने का दबाव बनाती हुई दिखती है ,वह भी कागज के अंदर | परंतु शिकायतकर्ता का मर्म सरकार नहीं सुन रही है, बताया जाता है कि ,कईयों ने सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई और पाया कि ,बिना उनकी जानकारी ना उनकी सहमति से शिकायत बंद कर दी गई |कई मामले में तो ऐसा ही देखने को मिला है कि, अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को संतुष्ट बताकर शिकायत क्लोज कर दी | यह भी ज्ञात हुआ है कि, सरकारी दबाव बनाकर कई ग्राम सचिवों से शिकायत दर्ज करवाई गई | कुछ समय बाद सचिव,के द्वारा संतुष्टि बताकर शिकायत बंद करवा दी जाती है |सरकार यह बताना चाहती है कि, सीएम हेल्पलाइन से शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है परंतु एक नए उदाहरण ने हेल्पलाइन को कटघरे में खड़ा कर दिया |

मामला सिवनी जिले का हे जिसने एक महिला ने लव मैरिज की थी। शादी के बाद मायके वाले उसे प्रताड़ित करते थे। परेशान होकर उसने पीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की। बाद में खुदकुशी भी कर ली। महिला की मौत के तीन साल बाद पीएम हेल्पलाइन ने उसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद पुलिस महिला के घर पहुंची। जब पता लगा कि महिला की मौत हो चुकी है तो पुलिस ने मामले में खात्मा लगा दिया।इधर, पीएम हेल्पलाइन और सीएम हेल्पलाइन की ओर से पुलिस रिपोर्ट के आधार पर केस बंद करते हुए लिखा गया- ‘शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण कर उसको अवगत करा दिया गया है। शिकायतकर्ता संतुष्ट है। अपनी शिकायत बंद करना चाहती है।

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