मनीष बाफना –
शीतकालीन, लोकसभा 2022 मैं सांसद डॉ श्रीकांत एकनाथ शिंदे,प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से जानकारी मांगी, की कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोगों की प्रति व्यक्ति आय कितनी है। इसी संदर्भ में कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने कृषि वर्ष जुलाई 2018 जून 2019 के संदर्भ में एन एस एस 77 वे (जनवरी 2019 -दिसंबर 2019) के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि परिवारों का स्थिति आकलन सर्वेक्षण किया। परिणाम के अनुसार 2018-19 के दौरान प्रत्येक कृषि परिवार की औसत मासिक आय10, 218 रुपए है । सरकार ने 1 अतिरिक्त प्रश्न के जवाब में बताया कि वर्ष 2012-13 में किसानों के परिवार की आय रुपए 6426 थी । जो 2018-19 में बढ़कर रुपए 10218 हो चुकी है अर्थात रुपए 1,22,616 वार्षिक ।
केंद्रीय मंत्री के जवाब से तो लगता है कि ,किसानों की आय दुगनी तो नहीं हुई है परंतु दुगने की करीब हो गई है। सरकार द्वारा बताई गई इस आय को देखकर, निश्चित रूप से टिप्पणीकार अपनी टिप्पणी अंकित अवश्य करेंगे। क्योंकि लोकसभा के कागजों पर किसानों की आय दुगनी के करीब होना , किसानों को दिलासा नहीं दे सकती । जब की किसानों के मुख्य हथियार खाद, बीज, दवाई ,व मशीन पर महंगाई की मार ऊपर से जीएसटी का दबाव है ।किसान संघ भी अपनी गर्जना रैली से सरकार के कानों में फूंक मार चुका है। आलू ,प्याज ,लहसुन, टमाटर आज भी किसान सड़कों पर फेंक रहे हैं क्योंकि उन्हें भाव नहीं मिलता | । डीजल और पेट्रोल का रेट, मुंह बनाएं खड़ा है । ऐसे में किसानों के परिवार की मासिक आय 10218 रुपए होना ,ऊंट के मुंह में जीरा से भी कम होना है | जबकि एक किसान परिवार की बात की जाए तो, एक छोटे किसान का परिवार 5 से 7 सदस्यों वाला होता है | इस हिसाब से तीन व्यक्ति भी इस परिवार में कृषि कार्य करते हैं ,तो इनकी मासिक आय 3200 के लगभग बनती है । जबकि एक सरकारी चपरासी की मासिक आय 30,000 से अधिक होती है। वही संविदा पर सफाई कर्मचारियों की मासिक आय 8000 के लगभग होती है। वेतन के अतिरिक्त अवकाश का लाभ और अन्य लाभ प्राप्त होते हैं और बीमा का लाभ भी अतिरिक्त प्राप्त होता है। किसानों की फसल में हमेशा नुकसान की संभावना अधिकांश बनी रहती है । यह नहीं कहा जा सकता है कि, केंद्र सरकार प्रयास नहीं कर रही है ।
MP-विधानसभा में 3 साल में 50 सवाल पूछे गए
विधानसभा में पिछले 3 साल से विधायक बार–बार अलग-अलग तरह से इस प्रश्न को दोहरा रहे हैं लेकिन हर बार एक ही जवाब दिया जा रहा है कि इस संबंध में सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है। जानकारी जुटाई जा रही हैं। इस संबंध में करीब 50 सवाल लग चुके हैं।मध्यप्रदेश में किसानों की आय कितनी हुई उसकी जानकारी सरकार को नहीं है जबकिNSSO ने मध्य प्रदेश के किसान कीआय 8340वार्षिक बताई है
किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त ₹6000 साल देकर उनकी आय बढ़ाने का कार्य कर रही है |
बजट में कई गुना वृद्धि करने के बाद भी किसानों की आय में मनमाफिक बढ़ोतरी नहीं होना साफ दर्शाता है कि छोटे किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा है परंतु केंद्र और राज्य सरकारों को कई आगे जाकर किसानों की माली हालत को सुधारने का संकल्प लेना होगा । नहीं तो किसानों की यह दुर्गति दुर्दशा किसी दिन क्रांति बनकर जगह-जगह सड़के जाम कर देगी