‘भाजपा का शुभंकर भी है  अभयंकर ” भी  है  विष्णु दत्त

न डरे ,ना घबराए कर्तव्य के पथ पर चले भय हरने वाला अभय प्रदान करने वाला अभयंकर  कहलाए

मनीष बाफना इंदौर -संगठन को संगठित करते हुए शक्ति के रूप में कार्य करने से सफलता निश्चित रूप से प्राप्त होती है।  इसी सिद्धांत को मध्य प्रदेश के चुनावी अखाड़े में जमीन पर उतरने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  विष्णु दत्त  शर्मा ने तूफानी  जीत  दर्ज कर  यह सिद्ध कर दिया कि, मध्य प्रदेश का संगठन अन्य  राज्य के मुकाबले बहुत ही सशक्त और मजबूत है।  मध्य प्रदेश भाजपा  का संगठन में   मजबूती इसी में देखी जा सकती है कि विधानसभा चुनाव के पहले  , जहां पर भाजपा और कांग्रेस के मध्य कांटे की टक्कर बताई जा रही थी।  कांटे निकालने के बाद भाजपा को प्रचंड जीत दर्ज हुई ।प्रचंड जीत को कई चुनाव विश्लेषक अपने-अपने हिसाब से अपने नजरिया से बता रहे है। परंतु मध्य प्रदेश में वर्तमान में बीजेपी का मजबूत संगठन और उसमे  जोश भरते हुए  प्रदेश अध्यक्ष की मेहनत को कम नहीं आंका  जा सकता।  विष्णु दत्त शर्मा एक तपते हुए सोने के समान हैं  उन्होंने अपने विगत  40 वर्षों की कड़ी मेहनत मध्य प्रदेश में जमीनी हकीकत को समझने में लगाई है।  और वही जमीनी हकीकत मध्य प्रदेश में चुनावी बाजी को पलटने में कामयाब हुई है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व हमेशा इस बात को दोहराता रहा है की ” अपना बूत सबसे मजबूत” के सिद्धांत पर जो भी पार्टी काम करेगी वह अपना वोट शेयर भी बढ़ाएगी ,  चुनाव में ऐतिहासिक सफलता भी प्राप्त करेगी।  विष्णु दत्त  शर्मा ने जब से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अपने आप को समर्पित किया उस  समय से संगठन के प्रति अत्यधिक सक्रिय कार्यकर्ता माने जाते थे  और भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद तो उन्होंने भाजपा में बहुत ही जोश का सैलाब उंढेल  दिया।  यह इसी बात से देखा जाता है कि, भाजपा का कार्यकर्ता  दिन प्रतिदिन भोपाल से मिलने वाले कार्यक्रम से हैरान दिखते थे परंतु परेशान नहीं दिखते थे।

चुनाव  शंखनाद के पश्चात  विष्णु दत्त शर्मा विधानसभा के प्रत्येक कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क में होने के साथ-साथ सोशल मीडिया और कार्यकर्ता के साथ मीडिया प्रभारी से सदा  सम्पर्क में रह कर रणनिति  बनाते  नजर  आते रहे

                      PM के मन में MP है और मोदी के मन में VD है

 पार्टी के प्रत्येक  कार्यकर्ताओं को हमलावर बनाते हुए, विपक्ष पार्टी की कमजोरी को समझने की समझ पैदा  की    पन्ना प्रमुख और देवतुल्य कार्यकर्ता की परिभाषा प्रफुल्लित की।  कार्यकर्ताओं का मान सम्मन को  अत्यधिक तहरिज  देते हुए छोटे और बड़े कार्यकर्ताओं के बीच में कोई भेद नहीं किया ।  प्रदेश अध्यक्ष  शर्मा जब भी कार्यकर्ताओं से मिलते या उनके क्षेत्र में जाते तो, जो छोटा कार्यकर्ता होता उसके घर में जाकर पारिवारिक हाल-चाल पूछते और उसके साथ भोजन करते ,  यही मरहम कार्यकर्ताओं के मध्य में जोश भरता था।   टीम नेतृत्व का यही सिद्धांत होता था कि अपने  अपने सैनिकों के साथ मिलकर उनमें जोश भरकर कंधे से कंधा मिलाकर चुनावी रण में विपक्ष को मात देना   यह लगाव पार्टी के लिए  कारगर सिद्ध हुवा ।VD शर्मा का कार्यकर्ताओं के प्रति जो लगाव है वह विगत 40 वर्षों से है।  संगठन में काम करते-करते प्रदेश के  ABVP कार्यकर्त्ता  से 40 वर्ष का लंबा दोस्ताना  होने से मध्य प्रदेश के हर क्षेत्र  में उनके चाहने वाले की बहुत बड़ी संख्या  है । भाजपा का एक सिद्धांत रहा है यदि वह अपना वोट बैंक 51% कर लेती  है तो कोई भी ताकत  चुनाव जीतने से नहीं रोक सकती ।  इसे शर्मा ने बहुत खूबी से निभाया।   विधानसभा चुनाव में इसे सिद्ध करते हुए 48.75% भाजपा को वोट दिलवाए ।

वर्तमान में केंद्रीय नेतृत्व के सबसे चहते खिलाड़ी  विष्णु दत्त शर्मा बन चुके हैं।  एक बड़ी भूमिका के रूप में मध्य प्रदेश या केंद्र में जा सकते हैं।  राजनीतिक सोच और समझ पार्टी के प्रति  निष्ठावान सारे गुण  विष्णु दत्त शर्मा में मिलते हैं। यही गुण उनको बहुत ही बहुमुखी बनती है। कृषि क्षेत्र में स्नातकोत्तर करने के साथ कृषि से उनका अत्यधिक जुड़ाव होने के कारण आने वाले समय में केंद्र सरकार उनकी कृषि अनुभव को देखते हुए बहुत बड़ा पद देने की तैयारी कर सकती है।  शर्मा को नजदीकी से जानने वाले कहते हैं कि  VDभाई साहब

 जो संगठन के कार्यक्रम होते हैं उनको लागू करने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं और सबसे बड़ी खूबी उनकी यह है कि इनका जो भी एजेंडा होता है, जब तक वह पूरा नहीं हो जाता है तब तक वह चैन   से नहीं बैठते हैं।

विष्णु दत्त शर्मा की कार्यप्रणाली हमेशा और शुरुआत से ही आक्रामकता भरी रही है ,कांग्रेस के प्रति विशेष कर   दिग्विजय सिंह, कमलनाथ पर  सबसे ज्यादा हमला जिन्होंने किया  है  ,वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त ने किया है।

वैसे भी देखा जाए तो भाजपा के पूर्व के कई प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं परंतु वर्तमान विधानसभा चुनाव  भाजपा के लिए बहुत बड़ा चैलेंज था। अधिकांश रिपोर्ट और विश्लेषण भाजपा के खिलाफ आ रहे थे परंतु सटीक चुनावी रणभूमि और सभी वरिष्टों से  तालमेल   अपनाते हुए वर्तमान बीजेपी  अध्यक्ष  ने बखूबी से चुनावी पासा पलट दिया।

V  D शर्मा के संपर्क में आने वाले कई कार्यकर्ता  को चुनाव लड़ने   का टिकट मिला और जीते भी  VDशर्मा की कार्यशैली में कार्यकर्ताओं को  देखकर पहचान करने की खूबी ही।  भाजपा स्वर्णिम काल में प्रवेश कर रही है , भाजपा का प्रत्येक पदाधिकारी विष्णु दत्त  शर्मा को शुभंकर से सम्मानित करता है।   प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा की पुनः  सरकार बनी है और 2023 में BJP सरकार बड़ी प्रचंड बहुमत के साथ बन गई नगर  निकाय  व पंचायत  के चुनाव  भी  जीते । भाजपा का कार्यकर्ता इस नारे को ज्यादा से ज्यादा उल्लिखित करता है भाजपा का शुभंकर VD है अभयंकार भी  VD  है  ”

 वर्षों से तपने और तपस्या करने के पश्चात तूफानी लहरों से टकराने के बाद एक नई मंजिल की ओर बढ़ते कदम राज्यों से होते हुए राष्ट्रीय स्तर की तरफ जाने को तैयार है प्रदेश  भाजपा का कार्यकर्ता शुभकामना  के कमल  की माला से  विष्णु दत्त को सम्मानित कररहा है ।

भाजपा ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है।

भाजपा का नया मंत्र प्रदेश अध्यक्ष ने 3 साल पहले देदिया था की पन्ना समिति बनाएं और  30 में से 18 वोट बीजेपी के पक्के |

प्रदेश में पार्टी दो-तिहाई बहुमत मिला है. 230 में से 160 से अधिक सीटें बीजेपी ने जीती हैं. वहीं कांग्रेस 65 सीटों पर सिमट गई. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट बैंक हल्का सा घटा जरूर लेकिन उसे नुकसान पहुंचाया भाजपा को मिले बम्पर वोट से। जो भी मतदान बढ़ा, उसका लाभ भाजपा को हुआ है
भाजपा को ऐतिहासिक वोट
मध्य प्रदेश में भाजपा को कुल 48.55% यानी 2.11 करोड़ वोट मिले। वहीं, कांग्रेस को 40.40% यानी 1.75 करोड़ वोट मिले। पिछले चुनावों के मुकाबले कांग्रेस को मिले वोट बढ़े ही हैं। कम नहीं हुए हैं। प्रतिशत जरूर कुछ घटा है। इससे पहले 1977 की जनता लहर में जनसंघ को 47.28% वोट मिले थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर में कांग्रेस को 48.87% वोट मध्य प्रदेश में मिले थे। 
  

भाजपा की जीत में पन्ना समिति की रही अहम भूमिका,

मध्य प्रदेश में बीजेपी चुनावी तैयारी में जुट गई थी। उसका पूरा फोकस पन्ना प्रमुखों पर था। प्रदेश में 64 हजार 100 बूथ पर बीजेपी पूरी तरह डिजिटल हो चुकी थी। करीब 13 लाख बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन एप से जोड़ा गया था। बूथ पर बीजेपी ने एक बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए की नियुक्ति की भी थी। मध्य प्रदेश में वोटर लिस्ट में 18 लाख पन्ने हैं, जो बढ़कर 19 लाख के करीब पहुंच गए थे। इसको देखते हुए ही मध्य प्रदेश में ही बीजेपी को एक करोड़ से अधिक पन्ना समिति सदस्यों की आवश्यकता होनी थी। यह एक बड़ा नंबर था, जिसे भाजपा हासिल करना चाहती थी। कहा ऐसा जा रहा था कि अगर यह सफल हो जाती तो उसके पास सदस्य के प्रति परिवार तीन वोटर के हिसाब से सीधे सीधे तीन करोड़ वोट होते।  

हर 6वां व्यक्ति बीजेपी पन्ना समिति का सदस्य 
चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के हर एक पेज पर 30 नाम होते हैं। बीजेपी ने एक पेज में शामिल 30 नामों में से पांच लोगों को पार्टी की पेज समिति का सदस्य बना रखे हैं, यानी चुनाव आयोग की सूची में शामिल हर 6वां व्यक्ति बीजेपी पन्ना समिति का सदस्य होता है।

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