राज्य सरकार को गेहूं का बोनस देने के लिए लेना होगा कर्जा , सीमावर्ती राज्यों से गेहूं मध्य प्रदेश में बिकने की संभावना——–

MANISH BAFANA

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भारी बहुमत से चुनाव जीत गई है। चुनाव के अपने घोषणा पत्र में किसानों को 575 रुपए का बोनस देने का वादा किया थ।  मध्य प्रदेश में भाजपा ने गेहूं की खरीद 2,700 रुपये प्रत‍ि क्विंटल पर करने की घोषणा की है. जबकि धान के लिए पार्टी ने 3,100 रुपये प्रत‍ि क्विंटल पर खरीद का वादा किया है।   इसी संकल्प को देखते हुए भाजपा सरकार किसानों को बोनस देने में जुड़ गई है परंतु पहले से ही सरकार पर आर्थिक बोझ इतना बढ़ चुका है कि ,क्या वह किसानों को गेहूं पर बोनस दे सकेगी ?

जाह‍िर है क‍ि एमएसपी के ऊपर राज्य सरकारें अपने पास से क‍िसानों को भारी भरकम बोनस देंगी. 

क्या अतिरिक्त खरीदी में केंद्र सरकार राज्य सरकार का साथ देगी ?

केंद्र सरकार इस बात पर अड‍िग है क‍ि वो बफर स्टॉक की आवश्यकता से ज्यादा चावल और गेहूं की खरीद नहीं करेगी.

केंद्रीय पूल से बाहर मानी जाएगी अतिरिक्त मात्रा ,खाद्य मंत्रालय द्वारा 1997-98 में शुरू की गई विकेंद्रीकृत खरीद प्रणाली (डीसीपी) का पालन करते हैं, जिसका उद्देश्य एमएसपी का लाभ किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना है. धान की खरीद के लिए खाद्य मंत्रालय और डीसीपी और गैर-डीसीपी राज्यों के बीच 2021 में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे. एमओयू में कहा गया है कि “राज्य की स्थिति में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई बोनस या वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा. एमएसपी के अलावा, यदि राज्य की समग्र खरीद कुल आवंटन से अधिक है, तो ऐसी अतिरिक्त मात्रा को केंद्रीय पूल के बाहर माना जाएगा.

दूसरे राज्यों के किसानों मेंअसंतोष  पनपेगा

 देश के अन्य राज्यों जो गेहूं का उत्पादन भारी मात्रा में करते हैं जैसे कि हरियाणा ,पंजाब ,उत्तर प्रदेश बिहार और राजस्थान वहां के किसान अपने गेहूं की उपज को समर्थन मूल्य अर्थात RS 2,275 पर बेचेंगे और MP  के किसानो को मिलेंगे 2700 ?  ? इससे अन्य राज्यों के किसानों में भी   असंतोष उत्पन्न होगा?  केंद्र सरकार को इस बात के लिए सभी किसानों को राजी करना होगा कि, हम मध्य प्रदेश के किसानों का ही भला नहीं कर रहे हैं अन्य राज्यों के गेहूं उत्पादक किसानों का भी भला करना चाहते हैं । अन्यथा अन्य राज्यों के किसानों में भी असंतोष होगा और वहां उत्पादित गेहूं मध्य प्रदेश में पीछे के दरवाजे से  2700  रुपये में   बिकने के लिए आ जाएगा

राज्य सरकार 70 लाख टन गेहूं खरीदी करती है इस पर कुल बोनस रुपए  4025 करोड़ देना है।

रबी सीजन2022 में 15 लाख से ज्यादा किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. इन किसानों से साल 71 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। गत वर्ष मध्य प्रदेश में गेहूं खरीदी का कर्ज 52636 करोड़ रुपये हो गया था।

यदि इस  वर्ष  मंडी का भाव नीचे रहता है तो सरकार को गेहूं खरीदी पर रुपये 575 का बोनस प्रति कुंतल देना होगा

राज्य सरकार 70लाख टन गेहूं खरीदी करती है इस पर कुल बोनस रुपए  4025 करोड़ देना है ।मध्य प्रदेश का अनाज व्यापारी अन्य राज्यों से गेंहू खरीदकर अपनी पूर्ति करेगा |

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