Rajasthan: डीएपी खाद के लिए महिलाएं-स्कूली बच्चे भी लंबी कतारों में कर रहे इंतजार, भरतपुर में दिखा ऐसा नजारा

खाद की किल्लत इतनी है कि सहकारी समिति पर सुबह 10 बजे से खाद का वितरण शुरू होता है, लेकिन किसान सुबह 4 बजे से ही लाइनों में लग जाते हैं.

Rajasthan: डीएपी खाद के लिए महिलाएं-स्कूली बच्चे भी लंबी कतारों में कर रहे इंतजार, भरतपुर में दिखा ऐसा नजारा

Long queues for DAP fertilizer: राजस्थान में डीएपी खाद के लिए किल्लत की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. हालात ऐसे हैं कि स्कूली बच्चे भी खाद के लिए लाइन में खड़े हुए हैं. भरतपुर में लंबी कतारें लगी हुई हैं. गेहूं और सरसों की बुवाई का समय नजदीक होने के चलते खाद की डिमांड बढ़ गई हैं. साथ ही किसान भी चिंतित हैं. किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि इस जरूरी वक्त में उन्हें डीएपी नहीं मिल पा रही है. लंबी-लंबी लाइनों में सैकड़ों किसान सुबह से ही लाइनों में खड़े नजर आए, जिनमें महिलाएं और स्कूली बच्चे भी शामिल थे.

सुबह 4 बजे से लग रही है लाइन

क्रय-विक्रय सहकारी समिति पर सुबह 10 बजे से खाद का वितरण शुरू होता है, लेकिन किसान सुबह 4 बजे से ही लाइनों में लग जाते हैं. किसानों ने बताया कि फसलों के लिए डीएपी खाद की आवश्यकता है और इसके लिए वे सुबह से ही लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. बावजूद इसके खाद मिलने में भारी दिक्कतें आ रही हैं.

किसान बोले- एक बोरी खाद से क्या होगा

हालांकि समस्या इतनी ही नहीं है. घंटो लाइन में लगे रहने के बाद अगर बारी आ भी जाती है तो किसानों को खेत के लिए पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है. उनका कहना है कि एक बोरी खाद लेने के लिए उन्हें घंटों लाइन में लगना पड़ता है, जबकि जरूरत के हिसाब से खाद मिल ही नहीं रही. ऐसे में इस एक बोरी खाद से खेत के लिए आपूर्ति हो पाना मुश्किल है.

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