कीटनाशक में खरपतवारनाशी की  मिलावट  से अंगूर के बाग  सूखे  किसानों ने की मुआवाज़े की मांग

सोलापुर जिले में किसानों ने अंगूर के बागों को कीटों प्रकोप से बचाने के लिए उस पर रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव किया. लेकिन इस छिड़काव के बाद बागों में सुधार की बजाय और नुकसान हो गया. आशंका जताई जा रही है कि किसानों ने जिन कीटनाशकों का इस्तेमाल किया वो नकली हो सकते हैं. देश मे इन दिनों अवैध रूप से मिलावटी कीटनाशक बिक रहे हैं. प्रभावित किसानों ने कृषि विभाग में शिकायत करके मुआवाज़े की मांग की है. महाराष्ट्र बड़ा अंगूर उत्पादक है. लेकिन, यहां अंगूर उत्पादकों को प्रकृति की अनियमितताओं से जूझना पड़ रहा है पंढरपुर तालुका में अंगूर के बागों पर कीटों के प्रकोप दिखने लगा, जिसके बाद किसानों ने रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव किया था. इससे बागों में सुधार आने के बजाए अंगूर के बाग सूख गए.

किसानों ने की जांच की मांग

फसल पूरी तरह खराब होने के बाद किसानों ने उन रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोगशाला में जांच करने की मांग की जिसे उन्होंने इस्तेमाल किया था. जिसके बाद पुणे की एक प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया. इसकी जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक उस कीटनाशक में खरपतवारनाशी के अवशेष सामने आए, जिससे बागों को भी नुकसान पहुंचा.

बढ़ती गई किसानों की परेशानी

जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों पर कई तरह के कीड़ों का प्रकोप बढ़ रहा है. अंगूर के बाग कीड़ों से प्रभावित हुए थे. जिसके बाद सोलापुर के कासेगांव और तलानी गांव में किसानों को रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव करना पड़ा. ताकि अंतिम चरण में नुकसान न हो, लेकिन छिड़काव के बाद अंगूर के बाग और बेल में सुधार के बजाय, बेल जल कर और सड़ गई. यह सब अचानक हुआ और कटाई के मौके पर किसानों ने संदेह जताया कि यह इस कीटनाशक के कारण नुकसान ज्यादा हुआ. चूंकि संबंधित विक्रेता ने कोई जवाब नहीं दिया, इसलिए किसानों ने सीधे प्रयोगशाला में कीटनाशक का परीक्षण करने का फैसला किया.इसके लिए अंगूर के डंठल और डंडियों के नमूने भेजे गए थे इससे यह बात सामने आई है.

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