पिछले साल की तुलना में इस बार 9 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान गेहूं का रकबा 25 फीसदी तक बढ़ गया है। किसानों ने बेहतर रिटर्न की उम्मीद में अधिक क्षेत्र में इस बार फसल की बोआई की है। व्यापारियों को उम्मीद है कि रिकॉर्ड उच्च कीमतें और अगले कुछ महीनों में सरकारी भंडारों में घटते स्टॉक और निजी व्यापारियों के उत्साह के कारण बाजार गेहूं के लिए अनुकूल रहेगा।
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार तक गेहूं की बोआई 2.55 करोड़ हेक्टेयर में की गई है। पिछले साल समान अवधि में 2.03 करोड़ हेक्टेयर में गेहूं की बोआई की गई थी। कुल मिलाकर, आमतौर पर गेहूं लगभग 3.0-3.1 करोड़ हेक्टेयर भूमि में बोया जाता है। हालांकि, उत्तर भारत में अब तक सामान्य से कम सर्दी और दिन के समय तापमान में वृद्धि चिंता का विषय बनी हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष उत्तर भारत में सामान्य सर्दियों की तुलना में मौसम गर्म रहने का अनुमान जताया है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार गेहूं को बढ़ते चरणों के दौरान दिन में लगभग 14-15 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर यह इससे अधिक गर्म होता है तो उपज कम होने की आशंका बढ़ जाती है। व्यापारियों को भरोसा है कि कुल रकबा पिछले वर्षों की तुलना में 10-15 फीसदी अधिक होगा, लेकिन क्या यह बम्पर फसल में तब्दील होता है, यह जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर क