कपास में गुलाबी सुंडी का सफाया करेगा AI फेरोमोन ट्रैप, ICAR ने तैयार की ये नई मशीन

देश में अब कपास के किसान राहत की सांस ले सकते हैं. उनके सबसे बड़े दुश्मन यानी गुलाबी सुंडी के सफाये के लिए ICAR एक नया हथियार तैयार किया है. यह एक मशीन है. ये मशीन AI-संचालित फेरोमोन ट्रैप है. ये मशीन AI से चलेगी और खेतों में कीटों को पकड़ने में किसानों की मदद करेगी.

AI फेरोमोन ट्रैप

कपास की फसल में लगने वाला गुलाबी सुंडी एक खतरनाक कीड़ा है, जो फसल को नुकसान पहुंचाता है. यह कीड़ा कपास के फूलों पर हमला करता है, जिससे कपास की खेती करने वाले किसानों को गुलाबी सुंडी की वजह से पैदावार में 50 से 60 फीसदी तक का नुकसान हो रहा है. किसानों को ऐसे ही नुकसान से बचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एक नई मशीन तैयार की है. ये मशीन AI फेरोमोन ट्रैप है, जिसके इस्तेमाल से किसान कपास में लगने वाली गुलाबी सुंडी का सफाया कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे काम करती है ये मशीन और इसके फायदे क्या हैं.

कैसे काम करती है ये मशीन

फेरोमोन ट्रैप मशीन एक ऐसी गंध छोड़ता है जो गुलाबी सुंडी यानी पिंक बॉलवर्म को अपनी ओर आकर्षित करता है. वहीं, ये ट्रैप AI तकनीक से लैस है. यानी ये मशीन पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चलेगी. ये मशीन पकड़े गए सुंडी, विशेष रूप से गुलाबी सुंडी की पहचान कर सकती है. साथ ही यह पकड़े गए गुलाबी सुंडी की संख्या का विश्लेषण करती है, जिससे किसानों को उनके खेतों में कीटों की गतिविधि का वास्तविक समय का डेटा मिलता है. इसके अलावा डेटा के आधार पर यह सिस्टम किसानों को समय पर कीट अलर्ट भेजती है. साथ ही किसानों को कीट प्रबंधन की सलाह भी मिलती है, जिससे उन्हें गुलाबी सुंडी की आबादी बढ़ने से पहले रोकथाम के उपाय करने में मदद मिलती है.

इन इलाकों में कारगर है ट्रैप

AI फेरोमोन ट्रैप मशीन खास तौर पर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जहां गुलाबी सुंडी कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा होता है. हालांकि, कम कीट वाले इलाकों में भी, गुलाबी सुंडी का जल्दी पता लगाने से प्रकोप को रोका जा सकता है. ऐसे में कपास की खेती करने वाले राज्यों में इस मशीन का उपयोग बड़े तौर पर किया जा सकता है. वहीं, बात करें कपास उत्पादन वाले राज्यों की तो इसमें पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं.

किसानों के लिए ट्रैप का लाभ

इस ट्रैप के फायदे की बात करें तो वास्तविक समय के डाटा से किसान महत्वपूर्ण नुकसान होने से पहले फसलों को बचा कर सकते हैं. वहीं, AI-संचालित सलाह उन्हें सबसे प्रभावी कीट नियंत्रण विधियों को चुनने में मदद करती है, जिससे समय, धन और संसाधनों की बचत होती है. साथ ही इस मशीन के इस्तेमाल से बढ़ी हुई फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है और बेहतर क्वालिटी का कपास मिलता है.

खेती का भविष्य है AI मशीन

ICAR की ओर से तैयार की गई ये मशीन कृषि के भविष्य की एक झलक मात्र है. आजकल खेती से लेकर मौसम से जुड़ी जानकारी के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. इससे किसानों को रियल टाइम में हर तरह की जानकारी मिलती है. इससे किसानों को अपनी फसलों का प्रबंधन करने में मदद मिलती है. ऐसे में आने वाले समय में इस तरह की तकनीक और भी तेजी से बढ़ने की संभावना है, जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद है.

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