कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बल्क में उत्पादन होने पर बाजार खुद किसानों तक पहुंचता है और उत्पाद का सही दाम भी मिलता है।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने क्लस्टरों के जरिए खेती को चमकाने की योजना बनाई है। क्लस्टर में खेती की संभावनाओं को देखते हुए योगी सरकार पहले से विकसित कलस्टर्स की सुविधाएं बढ़ा रही है। साथ ही नए फलों और फसलों के क्लस्टर्स भी विकसित कर रही है। प्रदेश में फलों और फसलों के क्लस्टर विकसित करने में केंद्र सरकार की योजना का लाभ लिया जाएगा।
हाल ही में केंद्रीय कृषि कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि अगले पांच वर्षों में केंद्र सरकार 1800 करोड़ रुपये की लागत से बागवानी के निर्यात केंद्रित 100 कलस्टर बनाएगी। सरकार की सब्जी उत्पादन के लिए भी क्लस्टर बनाने की तैयारी है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि केंद्र की इस योजना का सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को होगा। उनका कहना है कि 9 तरह की वैविध्यपूर्ण जलवायु, इंडो गंगेटिक बेल्ट की सबसे उर्वर भूमि, भरपूर पानी और प्रचुर मात्रा में श्रम के रूप में मानव संसाधन और बाजार होने के नाते केंद्र की इस योजना के तहत सबसे ज्यादा क्लस्टर उत्तर प्रदेश में बनेंगे। उत्तर प्रदेश में आम के क्लस्टर के चलते बागवानों को खास लाभ पहुंचा है।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी दामोदरन के अनुसार संस्थान, सरकार की मदद से लखनऊ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दशहरी और चौसा आम के लिए क्लस्टर बनाकर करीब 4000 बागवानों को जोड़ चुका है। इनको पुराने बागों के पुरोद्धार, बौर और फसल संरक्षा के उपाय, फलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किए जाने वाले तरीकों के बाबत जानकारी दी जाती है। इसका इन किसानों को लाभ भी हो रहा है। इसी के चलते इस साल पहली बार मलिहाबाद से 5 टन दशहरी आम संयुक्त राज्य अमेरिका भेजा गया।