चाइनीज लहसुन से किसानों को भारी नुकसान, नहीं बेच रहे अपनी फसल

शाजापुर में किसान संगठनों के विरोध के चलते लहसुन की खरीदी बंद रही, जबकि प्याज और अन्य उपज की नीलामी हुई। किसानों का आरोप है कि चीन से लहसुन के आयात से उनकी कीमतें गिर रही हैं और उन्होंने सरकार से इस आयात पर रोक लगाने की मांग की है।

चाइनीज लहसुन से किसानों को भारी नुकसान, नहीं बेच रहे अपनी फसल

चीन से लहसुन आयात पर किसानों का विरोध

HighLights

  1. किसानों के विरोध में लहसुन की खरीदी बंद
  2. शाजापुर मंडी में नहीं हुई लहसुन की खरीदी
  3. चाइनीज लहसुन के आयात पर रोक की मांग

शाजापुर। कृषि उपज मंडी में किसान संगठन द्वारा किए गए विरोध के चलते मंगलवार को व्यापारियों ने लहसुन की खरीदी नहीं की। किसानों की इस दौरान नाराजगी भी देखी गई और वह लहसुन की उपज लेकर मंडी नहीं पहुंचे। हालांकि प्याज और अन्य उपज की नीलामी हुई।

दरअसल, केंद्र सरकार लहसुन की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए चीन से लहसुन मंगवा रही है जिसका किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। इसी कारण विरोध जताते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने 10 सितंबर को मंडी बंद का आह्वान करते हुए उपज न बेचने का निर्णय लिया था।

शाजापुर मंडी में बंद का असर

शाजापुर मंडी में इसका आंशिक असर देखा गया, वहीं शुजालपुर मंडी पूरी तरह से बंद रही। मंगलवार को पूरी कृषि उपज मंडी बंद रहेगी। इसको लेकर भी किसानों में असमंजस की स्थिति देखी गई। किसान प्याज और अन्य उपज लेकर पहुंच गए और नीलामी भी हुई। किसान चीन के लहसुन का विरोध कर रहे हैं और सरकार से इसकी खरीदी नहीं करने की मांग कर रहे हैं।

शाजापुर कृषि उपज मंडी के सहायक निरीक्षक किशनसिंह परमार ने बताया कि किसानों ने एक दिवसीय लहसुन मंडी बंद रखने का निर्णय लिया था। शाजापुर में कोई भी किसान लहसुन लेकर नहीं आया। बंद के चलते व्यापारियों ने भी खरीदी नहीं की।

चीनी लहसुन के आयात पर प्रतिबंध

भारत में चीनी लहसुन के आयात पर कई वर्षों से प्रतिबंध है, लेकिन चीनी लहसुन के बिकने से व्यापारी और किसान नाराज हैं। आशंका है कि लहसुन चीन से तस्करी कर कंटेनरों से लाने की संभावना है और सरकार इस मामले की जांच करे और आयात बंद करें।

यह भी सवाल उठाए गए हैं कि चीनी लहसुन कौन लाया है और अधिकारियों ने इसकी अनुमति क्यों दी। गोदाम में चाइनीज लहसुन पकड़े जाने की अफवाह उड़ी है। व्यापारियों को संदेह है कि भारत के प्रतिबंध की अनदेखी कर कई टन लहसुन चीन के रास्ते दूसरे देशों से भारत में डंप किया गया है।

प्रति क्विंटल 25 से 30 हजार चल रहे दाम

किसानों की मांग है कि अन्य किसी भी देश से लहसुन के आयात पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। किसानों ने कहा कि अगर चाइना व अन्य देश से लहसुन के आयात पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो किसान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। अगर किसान को आर्थिक नुकसान हुआ तो इसका खामियाजा सरकार को उठाना पड़ेगा।

वर्तमान में लहसुन की डिमांड के चलते भाव में तेजी देखी जा रही है। 25 से 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भाव पहुंच गए हैं। लहसुन के ऊपर सरकार की क्या नीति है स्पष्ट करें। किसान राधेश्याम गुर्जर, सुन्दरलाल वर्मा ने कहा कि सरकार किसानों के साथ न्याय नहीं कर रही है अन्य देशों से लहसुन आयात करना गलत है।

साल भर डिमांड, भंडारण में समस्या

लहसुन की डिमांड साल भर रहती है, लेकिन इसके मंडी में आने का समय सात से आठ महीने होता है। वर्तमान में डिमांड बनी हुई है, सप्लाई के मुताबिक मांग ज्यादा है। इसके अलावा हर महीने इसकी जरूरत रहती है।

किसानों का कहना है कि लहसुन की एक खासियत है कि यह मसाला तो है, लेकिन सब्जी की तरह है, इसे स्टोर करके नहीं रखा जा सकता है। कुछ दिन में यह खराब हो जाता है। इसका स्टाक तभी किया जा सकता है, जब डिहाइड्रेशन करके लहसुन से पानी को सोख लिया जाए। इस बार उत्पादन कम हुआ है।

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