सोयाबीन में फसल प्रबंधन (खरपतवार, कीट एवं रोग नियंत्रण) हेतु सलाह

सोयाबीन में फसल प्रबंधन (खरपतवार, कीट एवं रोग नियंत्रण) हेतु सलाह

ICAR-Indian Institute of Soybean Research

खंडवा रोड, इन्दौर 452001

खरपतवार नियंत्रण के लिए अभी तक किसी भी प्रकार के खरपतवारनाशकों का प्रयोग नहीं करने वाले किसानों को सलाह हैं कि 15-20 दिन की फसल होने पर सोयाबीन के लिए अनुशंसित खड़ी फसल में उपयोगी किसी एक रासायनिक खरपतवारनाशक  का छिडकाव करें  ( तालिका 1 देखे).

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खरपतवारनाशक का प्रकाररासायनिक नाममात्रा/हेक्टे.
अ. बौवनी के 10-12 दिन बाद (POE)क्लोरीम्यूरान इथाईल 25 डब्ल्यू.पी. +सर्फेक्टेन्ट36 ग्राम
बेन्टाझोन 48 एस.एल.2.0 ली.
ब. बौवनी के 15-20 दिन बाद (POE)इमेझेथापायर 10 एस.एल. +सर्फेक्टेन्ट1.00 ली.
इमेझेथापायर 70% डब्ल्यू.जी+सर्फेक्टेन्ट100 ग्रा.
क्विजालोफाप इथाईल 5 ई.सी.0.75-1.00 ली.
क्विजालोफाप-पी-इथाईल 10 ई.सी.375-450 मि.ली.
फेनाक्सीफाप-पी- इथाईल 9 ई.सी.1.11 ली.
क्विजालोफाप-पी-टेफ्युरिल 4.41 ई.सी.0.75- 1.00 ली.
फ्ल्यूआजीफॉप-पी-ब्युटाईल 13.4 ई.सी.1-2 ली.
हेलाक्सिफॉप आर मिथाईल 10.5 ई.सी.1-1.25 ली.
प्रोपाक्विजाफॉप 10 ई.सी.0.5-0.75 ली.
फ्लूथियासेट मिथाईल 10.3 ई.सी.125 मि.ली.
क्लेथोडियम 25 ई.सी.0.5 -0.75 ली.
स. पूर्वमिश्रित खरपतवारनाशक(POE)फ्लूआजिआफॉप-पी-ब्युटाईल+फोमेसाफेन1.0 ली.
इमाझेथापायर+इमेजामॉक्स100 ग्रा.
प्रोपाक्विजाफॉप+इमाझेथापायर2.0 ली.
सोडियम एसीफ्लोरफेन+क्लोडिनाफाप प्रोपारगील1 ली.
फोमेसाफेन+ क्विजालोफाप इथाईल1.5 ली.
क्विजालोफाप इथाईल + क्लोरीम्यूरान इथाईल+ सर्फेक्टेन्ट375 मिली+36 ग्रा.

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बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशक का छिडकाव करने वाले किसानों को सलाह हैं 20-30 दिन की फसल अवस्था के दौरान डोरा/कुलपा चलायें.

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जिन्होंने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का अभी तक प्रयोग नहीं किया हैं, सलाह हैं कि अनुशंसित कीटनाशकों के साथ संगतता पाए जाने वाले वाले निम्न खरपतवारनाशक एवं कीटनाशकों में से किसी एक को मिलाकर छिडकाव किया जा सकता हैं.

(1)कीटनाशक:  क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) या  क्विनाल्फोस 25 ई.सी (1 ली/हे) या इन्डोक्साकर्ब 15.8 एस.सी (333 मि.ली./हे)

(2) खरपतवारनाशक: इमाज़ेथापायर 10 एस.एल (1 ली/हे) या क्विजालोफोप इथाइल 5 ई.सी (1 ली/हे)4जहाँ पर फसल 15-20 दिन की हो गई हो, पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) का छिडकाव करें. इससे अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी. 5.तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50%  जेड.सी. (125 मिली./हे.) का छिड़काव करें. 6

तम्बाकू की इल्ली  के नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी एक कीटनाशक का छिडकाव करने की सलाह हैं. इससे पत्ती खाने वाली अन्य इल्लिया (चने की इल्ली या सेमीलूपर इल्ली) का भी नियंत्रण होगा.

लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी.एस. (300 मिली/हे) या क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5  एस.सी (150 मिली/हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मिली/हे) या ब्रोफ्लानिलिड़े   300 एस.सी.   (42-62 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी. (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एस.सी (150 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस. सी. (333 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी.     (1 ली/हे) या स्पायनेटोरम 11.7 एस.सी (450 मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) 7मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में (देवास जिला) बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप प्रारंभ होने की सूचना हैं. किसानों को सलाह हैं कि प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित खेत से निष्कासित करें एवं इसके नियंत्रण हेतु  फसल पर  क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी.एस. (300 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8 एस. सी. (333 मिली/हे) का छिडकाव करें. 8कुछ क्षेत्रो में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का प्रकोप होने की सूचना प्राप्त हुई है. कृषकों को सलाह हैं कि नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाझोल 5%ईसी (1 मिली/ली पानी ) का छिडकाव करें.

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