
सोयाबीन फसल को खरपतवार कर रहा है नुकसान, यूरिया डालकर खरपतवार नियंत्रण कर रहे हैं –किसान
आगर मालवा – सोयाबीन में बोखाना चौड़ीपत्ती खरपतवार का सबसे ज्यादा प्रकोप देखा जारहा है। सोयाबीन की खेती चौपट दिखाई दे रही हैं। आगर मालवा बोखना नामक खरपतवार का किसी प्रकार की दवाई का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। किसानों ने इसे खत्म करने के लिए सभी प्रकार की दवाइयां अपने खेतों में डालकर आजमाइश कर लिया है। मगर खरपतवार पर दवाई का असर नहीं होरहा है। पिपलोन कला के महाकाल कृषि सेवा केंद्र के डीलर दीपक गामी ने बताया है कि , हमने इसके नियंत्रण के लिए सभी कंपनियों की दवाओं का इस्तेमाल किया। लेकिन इसको जड़ से नष्ट नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया है कि खरपतवार को उसकी वृद्धि रोकने के लिए कई दवाई डाली जाती है उससे खरपतवार की वृद्धि रुक जाती है मगर वह जड़ से नष्ट नहीं होती । आगर मालवा के कुछ किसान एक बोरी यूरिया के साथ क्लोबेन मिलाकर खेत में सोयाबीन फसल पर डाल रहे । इस प्रकार यूरिया के साथ खरपतवार नाशक डालकर कुछ किसान संतुष्ट नजर आ रहे हैं परंतु वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई वैज्ञानिक तकनीकी है विधि नहीं है।
“ बोखाना खरपतवार एक जिद्दी खरपतवार होता है इसके नियंत्रण के लिए उचित मात्रामें खरपतवार नाशक की होना आवश्यक ह। यह खरपतवार चौड़ी पत्ती का होने के कारण, कई किसान चकरी पत्ती वाला खरपतवार नाशक डाल देते हैं। जिससे परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं, |खरपतवार नियंत्रण में यूरिया का प्रयोग आधारहीन अवैज्ञानिक है।“ डॉक्टर शक्तावत- हेड ,कृषि विज्ञान केंद्र आगर